किसे करना चाहिए रक्तदान और रक्तदान के बाद क्या करें ?
World Blood Donor Day: विश्व रक्तदान दिवस का इतिहास वर्ष 2004 से है। पहला विश्व रक्त दाता दिवस 2004 में मनाया गया था, इसके बाद 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम के रूप में नामित किया गया था।
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विश्व रक्तदान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस दिन को रक्तदान दिवस के रूप में घोषित किया था |
इस दिन की स्थापना वर्ष 2004 में लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करने और रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए की गई थी। ऐसे में लोगों के लिए रक्तदान से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानना जरूरी है। आज का लेख इसी विषय पर है।
आपको बता दें कि 14 जून को नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन है। वह एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम का आविष्कार किया था। ऐसे में उनके जन्मदिन पर विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है| उनकी खोज से पहले, यह रक्त आधान चढ़ाने से पहले ज्ञान के बिना किया गया था। जब कार्ल लैंडस्टीनर ने इसकी खोज की, इस लिए लैंडस्टीनर को 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला ।
पूरी दुनिया में इस दिन को मनाने का मकसद जरूरतमंदों को रक्त की सुविधा उपलब्ध कराना है, ताकि किसी मरीज की खून की कमी से मौत न हो. रक्तदान कौन और कब कर सकता है? किसे रक्तदान नहीं करना चाहिए? रक्तदान के क्या फायदे हैं? तो आइए इसके बारे में बात करते है |
18 से 65 वर्ष की आयु के बीच पुरुष हर तीन महीने में सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकते हैं, जबकि महिलाएं हर चार महीने में रक्तदान कर सकती हैं। रक्तदान करने के बाद पुरुषों को कम से कम 90 दिनों के बाद और महिलाओं को कम से कम 120 दिनों के बाद फिर से रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान करने से पहले रक्तदाता की नबज 60 से 100 बीपीएम के बीच होनी चाहिए और हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 से अधिक या उसके बराबर होना चाहिए। रक्तदान का मतलब है कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रात से पहले नाइट शिफ्ट ड्यूटी नहीं करनी चाहिए, ताकि उसे पूरी नींद आ सके।
रक्तदान का मतलब है कि रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रात से पहले नाइट शिफ्ट ड्यूटी नहीं करनी चाहिए, ताकि उसे पूरी नींद आ सके। धयान रहे रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन कम से कम 55 किलोग्राम होना चाहिए।
रक्तदान करने से पहले रक्तदाता का पेट 4 घंटे से ज्यादा खाली नहीं होना चाहिए।रक्तदान करने से पहले डोनर को शराब आदि नशे का सेवन नहीं करना चाहिए।
रक्तदाता को कोई ऐसी बीमारी नहीं होनी चाहिए जो रक्त चढ़ाने से फैल सकती हो।इसके साथ ही रक्तदाता को सांस की गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए।
रक्तदान के बाद क्या करें ?
सबसे पहले यह जान लें कि जो भी व्यक्ति रक्तदान करना चाहता है, उसे रक्तदान करने से पहले सहज और तनावमुक्त होना चाहिए और पूरा आराम करना चाहिए।
रक्तदान करने से पहले आपको अच्छा खाना चाहिए। रक्तदान करने के बाद आराम करना बहुत जरूरी है और साथ ही रक्त केंद्र द्वारा आपको दिए जाने वाले जलपान (हल्का भोजन/पेय) को मना न करें।
रक्तदान करने के बाद आपको बताई गई सभी सावधानियों का भी पालन करना चाहिए। अगर आपको कोई परेशानी या तकलीफ महसूस हो तो तुरंत ब्लड सेंटर से संपर्क करें।