Hiroshima day: जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर क्यों हुए परमाणु हमले ?
Hiroshima day: दुनिया के बड़े-छोटे देशों के पास आज परमाणु बम है | यह देश इस हथियार का पहले इस्तेमाल ना करके अपनी देश की सुरक्षा के लिए विकसित करते हैं | यह परमाणु हथियार कितने घातक हैं, इसका उदाहरण है जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी | इन्ह दो शहरों में अमरीका द्वारा 6 अगस्त और 9 अगस्त को दो परमाणु बम गिराए गए थे |
देशों के बीच शांति को बढ़ावा देने और परमाणु हथियार और विनाशकारी हथियारों एक बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 6 अगस्त, 2021 को दुनिया भर में हिरोशिमा दिवस (Hiroshima day) के रूप में मनाया जाता है, यह दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम वर्ष में जापानी (Japan) शहर पर परमाणु बमबारी की 76वीं वर्षगांठ होगी।
6 अगस्त 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने हिरोशिमा शहर में पहला परमाणु बम गिराया था, जिससे अनुमानित 39 प्रतिशत आबादी नष्ट हो गई थी, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे। तीन दिन बाद नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था |
अमेरिका द्वारा संचालित मैनहट्टन परियोजना ने दो परमाणु बम (atomic bombs) बनाए। पहला, जिसे ‘द लिटिल बॉय’ कहा जाता है, जो हिरोशिमा शहर में गिराया गया था, जबकि दूसरा ‘द फैट मैन’ जिसे 9 अगस्त को अमेरिका द्वारा नागासाकी में गिराया (nuclear attack) गया था।
हिरोशिमा ने परमाणु हथियार की विनाशकारी करवाई को उस समय देखा जब एक अमेरिकी बी-29 ने इसे शहर पर गिराया। इस दौरान अनुमानत 90,000 से 140,000 लोग तुरंत मारे गए, जबकि हजारों लोग पीढ़ीगत बिमारियों से प्रभावित हुए, जो आज तक आबादी के एक वर्ग को परेशान कर रहे हैं।
जापान पर अमरीका ने परमाणु हमला क्यों किया ?
अमरीका द्वारा जापान पर परमाणु हमले के कई कारण बताये जाते है | अमरीका 1945 में परमाणु परीक्षण कर चूका था | दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने युद्ध सचिव हेनरी स्टिमसन की अगवाई में एक कमेटी बनाई और जापान पर हमले का विचार दिया |
एक इतिहासकार गेर एल्पेरोविट्ज़ ने 1965 में एक किताब के जरिये यह तर्क दिया था कि जापानी शहरों पर हमला इसलिए किया गया ताकि युद्ध के बाद सोवियत संघ के साथ राजनयिक सौदेबाजी के लिए मजबूत स्थिति हासिल की जा सके, हालांकि, परमाणु हमले के तत्काल बाद 15 अगस्त 1945 को जापान ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था।
इस परमणु बम के गिरते ही जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई हो गई थी | यह परमाणु बम अपनी तय सीमा में नहीं गिरा था, बल्कि हवा के कारण यह बम आइयो ब्रिज के पास गिरने की बजाए शीमा सर्जिकल क्लिनीक पर जा गिरा और तबाही मचा दी |
हमले के बाद इलाकों में दूर-दूर तक 29 किलोमीटर क्षेत्र में कई घंटों काली बारिश होती रही थी, और बचे लोग रेडियोएक्टिव विकिरण की लपेट में आकर बीमारियों से मारे गए और कुछ अपंगता का शिकार हुए |
दूसरा परमाणु हमल 9 अगस्त को शहर नागासाकी (Nagasaki) पर हुआ और इस हमले में अनुमान 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे | इस परमाणु हमले के बाद पहला कनेर (ओलियंडर) नाम का फूल खिला था | यह फूल हिरोशिमा का ऑफिशियल फूल है |
हिरोशिमा डे (Hiroshima day) दुनिया को याद दिलाता है कि सभी युद्ध भयानक होते हैं, और परमाणु युद्ध तो और भी भयानक होते हैं। पूरी दुनिया में केवल नौ देशों के पास वर्तमान में 13,000 से अधिक परमाणु हथियार हैं।
1945 के हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम विस्फोट दुनिया के लिए परमाणु युद्ध के विनाशकारी प्रभावों की एक भयानक याद दिलाते हैं जो इतिहास में दर्ज दो उदाहरण मानव जाति के लिए छोड़ गए हैं।
दोनों परमाणु हमलों में कुल मिलाकर 129,000 से 226,000 लोग मारे गए। विकिरण विषाक्तता, जिसे “परमाणु बम रोग” कहा जाता था, ने लोगों को अन्य बीमारियों के अलावा कैंसर, जन्म दोष, गंभीर मानसिक मंदता का खतरा बढ़ा दिया।