Hit And Run law: जानिए क्या है हिट एंड रन कानून, कानून में क्या हुए बदलाव
Hit And Run law: भारत में हाल ही में लागू हिट-एंड-रन कानून, जिसका उद्देश्य दुर्घटनाओं के बाद भागने से रोकना है, जिसने ट्रक ड्राइवरों और परिवहन संघों के देशव्यापी विरोध को जन्म दिया है। ट्रक और टैंकर चालकों ने तीन दिन विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया, जिसके तहत उनके ट्रक नहीं चल रहे हैं, जिससे देश के कई हिस्सों में डीजल और पेट्रोल सहित आपूर्ति की कमी का डर है।
जानिए क्या है हिट एंड रन कानून का मतलब ?
हिट एंड रन (हिट एंड रन कानून) का सीधा सा मतलब है कि दुर्घटना के बाद चालक वाहन सहित घटनास्थल से भाग जाता है। अगर कोई किसी वाहन से टकरा जाता है और घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर वाहन लेकर भाग जाता है तो ऐसे मामलों को हिट एंड रन माना जाता है।
पुराने हिट-एंड-रन कानून के तहत ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा होती थी। कई बार हम देखते हैं कि अगर दुर्घटना करने वाला व्यक्ति दुर्घटना में घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचा दे तो उसकी जान बच जाती है। हालाँकि, दुर्घटना के बाद मौके से भागने के मामले को हिट एंड रन कहा जाता है।
हिट एंड रन कानून पहले क्या था?
बीएनएस के समक्ष हिट-एंड-रन घटनाओं के लिए कोई समर्पित प्रावधान नहीं था। इसके बजाय, ऐसे मामलों में कार्रवाई आईपीसी की धारा 304 ए द्वारा होती थी। इस धारा के अनुसार, लापरवाही से किए गए किसी कार्य के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनने पर अधिकतम दो साल की जेल या जुर्माना हो सकता था।
अभी तक हिट एंड रन मामलों में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 304ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) और 338 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी गई है |
नया हिट-एंड-रन कानून क्या है? (What is Hit And Run law ?)
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अनुसार, जो ब्रिटिश-युग के भारतीय दंड संहिता का बदल है | नए हिट-एंड-रन कानून में धारा 104(2) के तहत, यदि आरोपी ड्राइवर हिट एंड रन के बाद घटनास्थल से भाग जाता है या पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता, तो उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है और 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा |
किस परिवर्तन के कारण हुआ विवाद ?
आलोचना मुख्य रूप से दुर्घटना स्थल छोड़ने के लिए सख्त दंड के इर्द-गिर्द केंद्रित है। नए कानून में कहा गया है कि आपको 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का बड़ा जुर्माना हो सकता है, जबकि पुराने नियम में 2 साल और काफी कम जुर्माना था। ड्राइवरों को लगता है कि इससे उन्हें खतरा है, भले ही दुर्घटना पूरी तरह से उनकी गलती न हो।
ट्रक ड्राइवरों ने अपनी चिंता व्यक्त की होगी कि घायलों को अस्पतालों तक ले जाने की कोशिश करते समय ड्राइवरों को भीड़ की हिंसा का सामना करना पड़ सकता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में नया हिट एंड रन बिल पास किया है, इस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की भी मंजूरी मिल गई है | अब यह भारतीय न्यायिक संहिता के तहत एक नया कानून (हिट एंड रन लॉ) बन गया है। हालांकि, इस नए कानून में जो धाराएं जोड़ी गई हैं, उनका देशभर में विरोध हो रहा है |
भारत सरकार ने इतने सख्त इंतजाम क्यों किये ?
दुर्घटना के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल 50 हजार नागरिक हिट एंड रन मामलों में मारे जाते हैं। मौतों के इन आंकड़ों को देखते हुए नए कानून में ड्राइवरों को सख्त बनाने के लिए सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं।
नये कानून के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या इसमें किसी बदलाव की आवश्यकता है या इसे वापस लेने की आवश्यकता है? नीचे टिप्पणी में आप हमें अपने विचारों से अवगत कराएं।