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Satram Rohra: सतराम रोहरा की बनाई फिल्म ‘जय संतोषी मां’ का दिलचस्प किस्सा

Satram Rohra: ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जय संतोषी मां’ के निर्माता सतराम रोहरा का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सतराम ने कई सिंधी और हिंन्दी फिल्में बॉलीवुड की झोली में डाली है | उन्होंने 1966 में रिलीज हुई ‘शेरा डाकू’ और 1973 में ‘रॉकी मेरा नाम’ से बतौर फिल्म निर्माता अपनी शुरुआत की थी।

फिल्म निर्माता सतराम रोहरा (Satram Rohra) का जन्म 16 जून 1939 को सिंध, पाकिस्तान में हुआ था। सतराम रोहरा ने झूलेलाल, हाल ता भाजी हालु, शाल ध्यार ना जमान, लाडली जैसी सिंधी फिल्मों में गाने गाए। उन्होंने मशहूर गायिका भगवंती नवानी के साथ भी गाने गाए।

‘जय संतोषी मां’ (Jai Santoshi Maa) फिल्म 1975 में रिलीज हुई थी, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसके बाद उन्होंने जीतेंद्र और हेमा मालिनी अभिनीत नवाब साहब, ‘घर की लाज’, ‘करण’ और ‘जय काली’ भी बनाई।

साल 1975 के दौरान सबसे ज्यादा कमाई करने वाली टॉप 5 फिल्मों में फिल्म ‘जय संतोषी मां‘ भी शामिल थी। 1975 के दौर को अमिताभ बच्चन के दौर से जाना जाता है उस समय ‘शोले’ और ‘दीवार’ सुपरहिट फिल्में आईं |

अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार, अमजद खान और जया बच्चन अभिनीत रमेश सिप्पी की ‘शोले’ 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी। ठाकुर डेविड-गोलियथ टकराव के बारे में आगे बताते हैं, “शोले सफलतापूर्वक चल रही थी।

कोई भी अन्य फिल्म एक्शन महाकाव्य के सामने अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हुई। अक्टूबर में आई संन्यासी (मनोज कुमार और हेमा मालिनी अभिनीत) को कुछ सफलता मिली। लेकिन ‘जय संतोषी मां’ की तुलना हमेशा उसी साल बॉक्स ऑफिस व्यवसाय के मामले में शोले से की जाती है। शोले के क्रेज के बीच, ‘जय संतोषी मां’ ही एकमात्र ऐसी फिल्म थी जो अपनी जगह बना पाई।”

इस फिल्म में संतोषी मां का किरदार अभिनेत्री अनीता गुहा ने किया था, इस फिल्म (Jai Santoshi Maa) बाद अनीता रातो-रात फेमस हो गई थी | ‘जय संतोषी मां’ फिल्म की कहानी एक सत्यवती नाम की एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने ससुराल में काफी दुख झेलती है |सत्यवती के पति बिरजू का किरदार का आशीष कुमार ने निभाया है |

कहा जाता है की इस फिल्म के पहले शो की कमाई सिर्फ 56 रुपए और दूसरे शो की 64 रुपए थी और शाम के शो में सिर्फ 96 रुपए की कलेक्शन की थी | बाद में इस फिल्म की हलचल बढ़ने लगी और महीनों तक यह फिल्म लगी रही |

आशीष कुमार के औलाद नहीं थी, तब आशीष की पत्नी कने सौलह शुक्रवार के व्रत रखने शुरू किये और बाद में उन्हें बेटी हुई | यह कहानी ने फाइनेंसर सरस्वती गंगाराम को जाकर सुनाई |

इसके बाद इस फिल्म के साथ केदारनाथ अग्रवाल जुड़ गए और उन्होंने जितनी शूट हुई फिल्म के अधिकार 11 लाख में ख़रीद लिए | इस फिल्म पर 12 खर्च हुए थे | इस फिल्म ने अब तक 25 करोड़ रुपए कमाए है | पर इसके बाद भी ना ही निर्माता के कुछ हाथ लगा ना ही इसके वितरक को कुछ मिला | फिल्म निर्माता सतराम वोहरा (Satram Rohra) ने खुद को दिवालिया ऐलान दिए |

कहा जाता है की वितरक केदारनाथ अग्रवाल ने फिल्म कमाई का सारा पैसा हड़पने का आरोप उनके भाइयों पर लगाया | फिल्म के हीरो आशीष कुमार, केदारनाथ अग्रवाल और उनके पार्टनर के बीच फिल्म की कमाई को लेकर विवाद भी हुआ था | बाद में आशीष कुमार ने ‘कथा संतोषी मां’ की कहानी पर नाटक बनाया पर यह फ्लॉप हो गया | इसके बाद ‘जय संतोषी मां’ की कहानी पर 2006 में फिल्म आई और वो भी फ्लॉप रही |

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