National Voters Day 2024: राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है, जानिए आपके वोट की अहमियत !
National Voters Day 2024: भारत 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाता है। यह दिन, राष्ट्र चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक निर्वाचन आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में प्रावधान किए गए हैं। भारतीय संविधान के अनुसार। 25 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस के रूप में 25 जनवरी 2011 से हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की गई। इस साल 14th राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2024 को मनाया जा रहा है।
भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना कब हुई ?
भारत एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आधुनिक भारतीय राष्ट्र राज्य 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में आया। तब से, संविधान में निहित सिद्धांतों, चुनावी तरीकों और प्रक्रियाओं के अनुसार नियमित अंतराल पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते रहे हैं। भारत का संविधान भारत के चुनाव आयोग को संसद और प्रत्येक राज्य की विधान सभा और भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यालयों के चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया की देखरेख, निर्देशन और नियंत्रण करने की जिम्मेदारी सौंपता है।
संविधान के अनुसार चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। आयोग ने वर्ष 2001 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाई। शुरू में आयोग में केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त था। वर्तमान में इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त हैं।
दो अतिरिक्त आयुक्तों को पहली बार 16 अक्टूबर 1989 को नियुक्त किया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत छोटा था, जो 1 जनवरी 1990 तक चला। इसके बाद, 1 अक्टूबर 1993 को दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए। तब से आयोग की बहु-सदस्यीय अवधारणा प्रचलित है, जिसमें निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते हैं।
नियुक्ति एवं कार्यकाल
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है। उनकी स्थिति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समान है और उन्हें समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त को केवल संसद द्वारा महाभियोग द्वारा ही पद से हटाया जा सकता है। वर्तमान में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार है, निर्वाचन आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल हैं |
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जहां भारतीय राजनीतिक प्रक्रिया और चुनावी प्रक्रिया में नए और मतदाता सूची में युवा मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ाना है, वहीं नए मतदाताओं की संख्या बढ़ाकर मतदान के अधिकार के महत्व के बारे में मतदाताओं को जागरूक करना भी है।
इसीलिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर पूरे देश में सभी राज्यों और जिला स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए वोटर कार्ड बांटे जाते हैं, मतदाताओं को शपथ दिलाई जाती है और पूरी चुनाव प्रक्रिया में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता है।
हम भारत के लोग भाग्यशाली हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश आजाद देश में रह रहे हैं, वोट के अधिकार के कारण हमें अपनी इच्छानुसार सरकार बनाने का अधिकार है। भारतीय संविधान पर गर्व होना चाहिए |
भारतीय संविधान के अनुसार, भारत के 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को धर्म, जाति, रंग, नस्ल या लिंग के किसी भी भेदभाव के बिना मतदान करने का अधिकार दिया गया है। यह भारतीय लोकतंत्र की सुंदरता है। भारतीय संविधान में 61वें संशोधन द्वारा अधिक युवा मतदाताओं को भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा बनाने के लिए मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
आज भारत की कुल 144 करोड़ से भी ज्यादा की आबादी में 66 फीसदी करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें कई युवा मतदाता भी हैं। चुनाव आयोग ने लगभग प्रावधान के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग के माध्यम से पूरी चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया है।
अंत में, जितनी सावधानी से हम बाजार से कोई भी वस्तु खरीदते हैं, उतनी ही सावधानी से यदि हम देश की नीति बनाएं और प्रतिनिधियों को चुनना शुरू करें तो वह दिन दूर नहीं जब भारतीय संविधान निर्माताओं का ‘मजबूत लोकतांत्रिक विकसित भारत’ का सपना साकार हो सके। इस लिए अपने वोट का इस्तेमाल किसी के कहने पर नहीं बल्कि होनी समझदारी से करें |