History

Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाते है ? जानिए पूरा इतिहास

Republic Day 2024: पूरा भारत आज अपना लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार 75वां गणतंत्र मना रहा हैं, हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, आज के दिन कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड होती है, जिसमें विभिन्न राज्यों की परेड होती है। लोकतंत्र के इस खूबसूरत त्योहार पर पूरे देश की नजर है, कुछ लोग टिकट खरीदकर इसे देखने जाते हैं, जबकि लाखों लोग इसे टेलीविजन पर सीधे प्रसारण के माध्यम से देखते हैं।

गणतंत्र दिवस पर, देश के विभिन्न हिस्सों में सशस्त्र बलों और स्कूली बच्चों द्वारा ध्वजारोहण समारोह और परेड का आयोजन किया जाता है, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकत की रंगीन तस्वीर प्रदर्शित करती है। इस परेड की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रपति करते हैं। गणतंत्र दिवस परेड समारोह आमतौर पर प्रधान मंत्री की राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की यात्रा के साथ शुरू होता है।

इस दिन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर गौर करना जरूरी हो जाता है। इसके अतिरिक्त, यह समझने से कि गणतंत्र दिवस विशेष रूप से 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है, आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि  26 जनवरी के दिन ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं और किसी और दिन क्यों नहीं मनाते ? जबकि आजादी से पहले देश का स्वतंत्रता दिवस किसी और दिन मनाया जाता था। इसके पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी है |

देश  भर में 75वा गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जा रहा | 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। हालाँकि, 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक तौर पर तारीख से पहले ही संविधान तैयार हो गया था। । फिर 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ? इसका उत्तर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में है, यह तारीख 1930 से बहुत महत्व रखती है।

26 जनवरी 1930 को “पूर्ण स्वराज” घोषणा कर दी गई, जो भारत की आजादी का अंतिम चरण था, ताकि ब्रिटिश राज से भारत को आजाद करवाया जा सके |  भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत को एक स्वतंत्र राज्य घोषित करने के लिए अपनी पसंद के दिन के रूप में 15 अगस्त को चुना। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसी दिन जापान ने मित्र राष्ट्रों के सामने आत्मसमर्पण किया था। 

इसीलिए ब्रिटिश सरकार ने 15 अगस्त को चुना। हालाँकि, देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ, भारत का अपना संविधान नहीं था। 26 नवंबर 1949 को उस संविधान का मसौदा तैयार किया गया और अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया, जिसके कई कारण थे। 

26 जनवरी (Republic Day) को संविधान लागू करने का एक और मुख्य कारण भी था, इस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूर्ण आजादी की घोषणा की। लाहौर में रावी नदी के तट पर 31 दिसंबर 1929 को जवाहरलाल नेहरू द्वारा भारत का ध्वज फहराया गया था। कांग्रेस ने भारत के लोगों से 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने के लिए कहा।

वर्ष 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से यह घोषणा की गई कि ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी, 1930 तक भारत को डोमिनियन का दर्जा प्रदान करे। इसी दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। 

देश के संविधान निर्माण के लिए पहली सभा संसद भवन में ही 9 दिसंबर, 1946 को बैठी थी। संविधान निर्माण में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था। इसी दौरान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को इस कमेटी का चेयरमैन और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा के प्रेजिडेंट बनाया गया |

संविधान निर्माण करने वाली संविधान सभा में कई विषयों के लिए 8 प्रमुख समितियाँ और 15 लघु समितियाँ बनाई गई थीं। इसने संविधान के गठन से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए 11 सत्र आयोजित किए थे । मसौदा समिति के अन्य सदस्यों में के.एम. मुंशी, सैयद मुहम्मद सादुल्लाह, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, गोपाल स्वामी अयंगर, एन. माधव राव (जिन्होंने बी.एल. मित्तर की जगह ली), और टी.टी. रामकृष्ण चारी (जिन्होंने डी.पी. खेतान की जगह ली)।

जिस संविधान के अनुरूप आज देश में काम हो रहा है, उसका प्रारूप भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था, जिन्हें भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है। कई सुधारों और बदलावों के बाद समिति के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को हाथ से लिखी कानून की दो कॉपीओँ पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके दो दिन बाद 26 जनवरी को इसे देश में लागू कर दिया गया। 

भारत के संविधान को विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान माना गया है। इसमें कुल 25 भाग हैं, जिसके अंतर्गत 448 धाराएं और 12 अनुच्छेद हैं। संविधान के इंग्लिश संस्करण में आपको कुल 117,369 शब्द मिल जाएंगे।

26 जनवरी (Republic Day) के महत्व को बनाए रखने के लिए उसी दिन भारत को लोकतांत्रिक पहचान दी गई थी। संविधान के लागू होने के बाद, पहले से मौजूद ब्रिटिश कानून गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट (1935) को भारतीय संविधान के जरिये भारतीय शासन दस्तावेज के रूप में बदल दिया गया। इसलिए हर साल हम भारतीय 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत गणतंत्र राष्ट्र बना। उसके ठीक 6 मिनट बाद 10:24 बजे डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहली बार राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति भवन से बग्घी में निकले, जहां उन्होंने पहली बार सेना की सलामी ली और उन्हें पहली बार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दिन हम भारतीय तिरंगा फहराने के साथ-साथ राष्ट्रगान गाने के साथ या तो कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं या उनमें शामिल होते हैं।

गणतंत्र दिवस कार्यक्रम आमतौर पर 24 जनवरी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति के नामों की घोषणा के साथ शुरू होता है | इसके साथ ही राष्ट्रपति देश को 25 जनवरी (Republic Day) की शाम को संबोधित करते हैं। 

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