The Kerala Story: ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर क्या है विवाद ?
The Kerala Story: 5 मई को ट्रेलर रिलीज होने के ठीक बाद विवादों में घिरी एक फिल्म जिसका नाम ‘द केरल स्टोरी'(The Kerala Story), जिसका निर्देशन सुदीप्तो सेन ने किया है और अदा शर्मा अभिनीत विपुल अमृतलाल द्वारा निर्मित है। टीज़र में दावा किया गया था कि केरल की 32,000 महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट द्वारा भर्ती किया गया था। फिल्म का विरोध करने वाले सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतना चौंकाने वाला आंकड़ा कहां से आ गया। यह सच्ची घटनाओं पर कैसे आधारित है?
सेंसर बोर्ड ने फिल्म को ‘ए’ प्रमाणपत्र जारी किया था और कथित तौर पर 10 दृश्यों को हटा दिया था, जिसमें केरल के एक पूर्व मुख्यमंत्री का इंटरव्यू भी शामिल था। फिल्म को राज्य में फिल्म स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए वामपंथी सरकार और कांग्रेस की बड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यह ब्लॉग “द केरल स्टोरी” के इर्द-गिर्द घूमने वाले कथानक और विवाद पर चर्चा करता है।
‘द केरल स्टोरी’ को लेकर क्या है विवाद?
विवादों के बाद भी फिल्म की स्क्रीनिंग 2 मई को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई थी, हालांकि वामपंथी सरकार या कांग्रेस प्रतिबंध की मांग कर रही है, लेकिन इस फिल्म को विश्वविद्यालय के छात्रों से भारी तालियों के रूप में उल्लेखनीय समर्थन भी मिला है।
यह फिल्म 2016 के केरल मामले (हादिया केस) पर आधारित है, जहां कई लड़कियां लापता हो गई थीं और कथित तोर पर जिन्हें आईएसआईएस में शामिल होने के लिए इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था।
‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) केरल में महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और कट्टरता के कथित मुद्दे पर प्रकाश डालती है, जिसने ट्रेलर रिलीज होते ही विवाद खड़ा कर दिया। फिल्म की रिलीज के खिलाफ कई याचिकाएं “सबसे खराब तरह के अभद्र भाषा” और “ऑडियो-विजुअल प्रचार” के आधार पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इनकार कर दिया, “हेट स्पीच की किस्में हैं। इस फिल्म को प्रमाणन मिल गया है और बोर्ड द्वारा मंजूरी दे दी गई है |
सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित और विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्मित, अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धि इडनानी अभिनीत फिल्म 5 मई को हुई | फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन और निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने भी जोर देकर कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
फिल्म के कथानक के अनुसार, केरल में लगभग 32,000 महिलाओं को कथित इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और कई को आईएसआईएस शासित सीरिया ले जाया गया था, जब आतंकवादी समूह अपनी शक्ति का दावा करता था, लेकिन कुछ का कहना है कि यह संख्या 3 है, न कि 32,000, जो विवाद का प्रमुख बिंदु बन गया। फ़िल्म के ट्रेलर का एक डायलॉग जिसमें कहा गया की ‘ये एक ग्लोबल एजेंडा है, अगले 20 साल में केरल इस्लामिक स्टेट बन जाएगा’ |
लेकिन 32 हज़ार का आंकड़ा बहुत बड़ा है | फ़िल्म में कहीं ये नहीं बताया गया कि ये आँकड़ा कहां से लिया प्राप्त किया गया है | केरल की हाईकोर्ट ने फ़िल्म द केरल स्टोरी के बारे पूछा की आख़िर ‘32,000 लड़कियों का आकड़ा आया कहां से ?’
इसके जवाब में कहा गया की ‘ये निर्माताओं को मिली जानकारियों पर आधारित है | हालांकि फिर इस आंकड़े को हटा लिए गया | फिल्म मैं 32 हज़ार लड़कियों का ज़िक्र हटा कर ‘3 लड़कियों की सच्ची कहानी’ कर दिया गया है |
निष्कर्ष
इस फिल्म की सफलता का अनुमान लगाना अस्पष्ट होगा क्योंकि इसकी आलोचना और सराहना दोनों हो रही है। जैसा कि इस फिल्म के तथ्यों पर बहस तेज हो गई है और क्या बात रखने की स्वतंत्रता के अधिकार को लागू करके इसकी सामग्री को उचित ठहराया जा सकता है, भाजपा फिल्म के समर्थन में आ गई।
इसके विपरीत सीपी और कांग्रेस फिल्म के खिलाफ आ गए। उत्तर प्रदेश और मध् प्रदेश अन्य राज्यों मैं यह फिलम टैक्स फ्री है | पर बेस्ट बंगाल सरकार ने इस पर प्रतिबंद लगा दिया था, पर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद बैन हटा दिए गया , ममता बेनर्जी का कहना है की इस से हिंसा भड़क सकती है |