Pingali Venkayya: कौन थे तिरंगे झंडे का डिज़ाइन तैयार करने वाले पिंगली वेंकैया
Pingali Venkayya: भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। देश ने ब्रिटिश शासन के लगभग दो शताब्दियों के लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को आज़ादी मिली | भारत को आज़ादी दिलाने के लिए देश भगतों ने जान कुर्बान कर दी | देश भर में तिरंगा झंडा लहराया जाता है | झंडा किसी देश की पहचान और शान होता है |
हमें उस व्यक्ति को नहीं भूलना चाहिए जिसने इसे भारत के तिरंगे झंडे को डिज़ाइन किया था, वो थे स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ..
पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त, 1876 को मछलीपट्टनम के पास भटलापेनुमरु गाँव में हुआ था, जो मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा है जो अब आंध्र प्रदेश राज्य है। एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्मे वेंकैया पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज गए और उनकी भूविज्ञान, कृषि, शिक्षा और भाषाओं में रुचि थी।
वह वास्तव में बुद्धिमान थे और तेलुगु, हिंदी, उर्दू, बंगाली, तमिल और अंग्रेजी जैसी कई भाषाएँ जानते थे। उन्होंने पृथ्वी के बारे में भी सीखा और हाथ से कपड़ा बनाने का तरीका भी सीखा। वह चाहते थे कि लोग अपने कपड़े खुद बनाएँ ताकि वे अधिक स्वतंत्र हो सकें। उन्होंने भारत और जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों में बहुत सी जगहों की यात्रा की।
वेंकैया ने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से भूविज्ञान (Geology ) में डिप्लोमा किया। 1911 से 1944 के बीच, उन्होंने मछलीपट्टनम में आंध्र नेशनल कॉलेज में लेक्चरार के रूप में काम किया और उन्होंने भूविज्ञान पुस्तक ‘थल्ली राय’ लिखी।
वह ‘डायमंड वेंकैया’ और ’पट्टी वेंकैया’ नाम से भी प्रसिद्ध है | उन्होंने हीरे के खनन में महारत हासिल की। वेंकैया ने कंबोडिया कॉटन का व्यापक अध्ययन किया। उन्होंने 1913 में एक जापानी भाषण दिया, जिससे उन्हें ‘जापान वेंकैया’ उपनाम मिला।
वेंकैया (Pingali Venkayya) ब्रिटिश सेना में भर्ती हुए और दूसरे बोअर युद्ध (1899-1902) के दौरान दक्षिण अफ्रीका में तैनात किए गए, जहाँ उनकी पहली बार महात्मा गांधी से मुलाकात हुई। उस समय वेंकैया सिर्फ़ 19 साल के थे। युद्ध के दौरान जब सैनिकों को ब्रिटेन के राष्ट्रीय ध्वज यूनियन जैक को सलामी देनी थी, तब वेंकैया सलामी तो दे दी पर वह अंदर सेआहत हुए | उन्हें महसूस हुआ का अपना झंडा होना चाहिए |
भारत लौटने के बाद वेंकैया ने संभावित डिज़ाइनों पर काम किया, जिन्हें स्वतंत्रता को दर्शाने के लिए नव-निर्मित स्वराज आंदोलन के लिए ध्वज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता था। वास्तव में, 1916 में, वेंकैया ने झंडे के लिए 30 संभावित डिज़ाइनों वाली एक पुस्तक प्रकाशित की। 1918 से 1921 तक वेंकैया ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने कई विचार भी रखे। उस समय वह मछलीपट्टनम में आंध्र राष्ट्रीय कॉलेज में भी काम कर रहे थे।
यह 1921 में था कि भारतीय झंडे का पहला संस्करण अस्तित्व में आया। वेंकैया ने महात्मा गांधी को खादी के झंडे पर ध्वज का एक प्रारंभिक डिज़ाइन दिखाया था।महात्मा गांधी को इसे देख कर खुश हुए | इस झंडे में लाल और हरा रंग ही था | लाल रंग हिंदुओं का और हरा रंग मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता था। गांधी के सुझाव पर बाद में सफेद रंग शामिल किया गया था |
1931 के कांग्रेस द्वारा कराची के अखिल भारतीय सम्मेलन में भारतीय झंडे में केसरिया, सफ़ेद और हरे से बने तिरंगे झंडे को स्वीकार कर लिए गया | बाद में इस झंडे में चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले ली |
वेंकैया (Pingali Venkayya) गांधीवादी विचारधाराओं के अनुसार विनम्रता से रहते थे और 1963 में गरीबी में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी याद में और पहले झंडे के लिए एक डाक टिकट 2009 में जारी किया गया था। 2014 में उनका नाम मरणोपरांत भारत रत्न के लिए प्रस्तावित किया गया था, हालांकि इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
FAQ:-
Que.1: तिरंगे झंडे का डिज़ाइन किसने तैयार किया ?
Ans: स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया
Que 2: पिंगली वेंकैया कौन थे ?
Ans: पिंगली वेंकैया स्वतंत्रता सेनानी थे और वह पहले ब्रिटिश सेना में भर्ती हुए थे |