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World Heritage Day: यूनेस्को में भारत के कितने विश्व धरोहर स्थल शामिल है ?

World Heritage Day : हर साल 18 अप्रैल को विश्व स्तर पर विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है | इस दिन दुनिया भर के ऐतिहासिक स्मारकों की देखभाल पर केंद्रित होता जाता है। भारत, अपनी संस्कृति और ऐतिहासिक स्मारकों की एक विस्तृत श्रृंखला रखता है जो इसके अतीत को दर्शाते हैं।

राजसी ताज महल से लेकर हम्पी की प्राचीन विरासत तक, इन स्थलों का संरक्षण न केवल सांस्कृतिक विरासत के लिए बल्कि पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विश्व धरोहर स्थल एक विशेष स्थान है जिसे यूनेस्को नामक संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह स्थान या तो लोगों द्वारा बनाए गए, जैसे कोई प्रसिद्ध इमारत, कोई किला या कुछ प्राकृतिक, जैसे कोई सुंदर पार्क। यूनेस्को यह मान्यता उन स्थानों को देता है जो अपने इतिहास, संस्कृति, विज्ञान या सुंदरता के कारण मानवता के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।

जब कोई स्थान विश्व धरोहर स्थल बन जाता है, तो इसका मतलब है कि लोग इसकी देखभाल करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसको की नुकसान ना हो । वह इन स्थानों को चिह्नित करते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए नियम बनाते हैं। वह इन स्थानों को सुरक्षित रखने और अधिक लोगों को उनके बारे में बताने में मदद करने के लिए धन भी प्रदान करते हैं।

विरासती धरोहर को संरक्षित करने और संबंधित संगठनों के सभी प्रयासों को मान्यता देने के लिए हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है। स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) 1982 ने 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस की घोषणा की थी। सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें संरक्षित करने के उद्देश्य से 1983 में यूनेस्को की महासभा द्वारा इसे मंजूरी दी गई थी।

स्मारक और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) संगठन की स्थापना वेनिस चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों पर की गई थी, जिसको विरासती स्मारकों और स्थलों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिया 1964 के अंतर्राष्ट्रीय चार्टर से भी जाना जाता है |

यूनेस्को ने दुनिया भर में 1199 विशेष स्थानों की पहचान की है (933 सांस्कृतिक, 227 प्राकृतिक और 39 मिश्रित सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्तियाँ) 168 देशों में मौजूद हैं। जिन्हें विश्व धरोहर स्थल कहा जाता है। ये स्थल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये हमारी साझा मानवीय विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त इन विशेष स्थानों में से 42 का घर भारत है। उनमें से ज्यादा तर 32 भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। 7 हैरान कर देने वाले स्थान और इमारत हैं और 1 सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता दोनों का मिश्रण है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन स्थानों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए, भारत सरकार के विभिन्न हिस्से जिम्मेदारी लेते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), एक सरकारी एजेंसी, इनमें से 24 स्थलों की देखभाल करती है। वह इन ऐतिहासिक स्थानों पर शोध, संरक्षण और सुरक्षा के जिम्मेदार हैं।

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